Rajasthan Election: सवाई माधोपुर में क्या आशा मीणा दे पाएंगी किरोड़ी लाल मीणा और दानिश अबरार को टक्कर?

Sawai Madhopur: राजस्थान में विधान चुनाव 25 नवंबर को हो गया है। ऐसे में अब चुनाव परिणाम के लिए सभी पार्टियां उत्तेजित नजर आ रही है। यदि हम राजस्थान के सवाई माधोपुर सीट की बात करे तो यहां मुकाबला काफी टक्कर का था। न केवल भाजपा एवम कांग्रेस अपितु निर्दलीय रूप से खड़ी प्रत्यासी ने जमकर टक्कर दिया है।

सवाई माधोपुर न केवल त्रिकोणीय मुकाबले हेतु चर्चा में है अपितु जातीय परिणाम के वजह से भी काफी दिलचस्प मुकाबला देखने में रहा। 

क्या निर्दलीय आशा मीणा दे पाएंगी किरोड़ी लाल और दानिस अबरार को टक्कर: सवाई माधोपुर सीट पर सभी की नजरे टिकी है। माधोपुर सीट राजस्थान विधानसभा चुनाव हेतु काफी चर्चा में रहा। लेकिन यह आंकड़ा लगन भी काफी मुश्किल है की विजय कौन प्राप्त कर सकता है। क्योंकि सभी प्रत्यासी एक दूसरे को कांटे की टक्कर दिए हैं।

यदि हम कांग्रेस की बात करे तो कांग्रेस की तरफ से दानिस अबरार चुनाव मैदान में उतारे गए और भाजपा की तरफ से किरोड़ी लाल मीणा मैदान में उतारे गए। हालाकि इन दोनो को टक्कर देने आशा मीणा निर्दलीय प्रत्याशी बनकर चुनाव मैदान में उतर गई। दरअसल वर्ष 2018 में आशा मीणा भाजपा प्रत्यासी थी किंतु उन्हें जीत हासिल न हुई तो इस बार भाजपा ने किरोड़ी लाल में को मौका दिया। 

सवाई माधोपुर में 4 बार से जीतती आ रही है कांग्रेस: चुनाव मैदान में जीता का परचम कौन लहराएगा ये तो 3 दिसंबर को पता चलेगा। किंतु यदि हम माधोपुर की  इतिहास की बात करे तो 4 बार यहां कांग्रेस की जीत हुई है और तीन बार भाजपा विजई रही है। हालाकि वर्ष 2018 में कांग्रेस को जीत हासिल हुई थी।

दानिश अबरार वर्ष 2018 में सवाई माधोपुर में विजई थे इसलिए उन्होंने  चुनाव से पूर्व कहा था कि सवाई की जनता ने मुझे पिछली बार अपना आशीर्वाद देके विजई बनाया था इस बार वो अपना आशीर्वाद मुझे अवश्य देंगे।

यहां जीत विकास के नाम पर नहीं जाति के नाम पर हो सकता है: यह कहना बिलकुल अनुचित नहीं कि चुनाव मैदान में उमीदवार जाति और धर्म से दांव पेंच खेलते है। इसलिए तो आशा मीणा का चुनाव मैदान में आना जाहिर करता है की भाजपा का मीणा समुदाय का वोट कट गया है। खैर जीत किस समुदाय किस पार्टी की होगी यह तो चुनाव परिणाम से ही पता चलेगा।

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