Rajasthan Election: बागी नेता दे रहे है अपनी पूर्व पार्टियों को कांटे की टक्कर जाने संपूर्ण जानकारी।

Rajasthan: राजस्थान में विधान सभा चुनाव 25 नवंबर को होने जा रहा है जिसके लिए सभी पार्टियां अपना प्रचार प्रसार जोरो शोरो से कर रही है। इस चुनावी सियासी में न केवल भाजपा, कांग्रेस, आप अपितु अनेक सी पार्टियां शमिल्लित है। ऐसे बहुत से प्रत्यासी है जो निर्दलीय रूप से चुनाव के मैदान में शामिल हुए है। गौरतलब है की निर्दलीय रूप से शामिल होने की वजह अपनी पार्टी से नाराजगी। 

बागी नेता बन सकते है चुनाव में बाधक: विधान सभा चुनाव में टिकट न मिलने पर कांग्रेस और भाजपा के कई नेता नाराज होकर पार्टी का परित्याग कर दिए। कुछ ने दूसरी पार्टी ज्वाइन कर ली तो कुछ ने निर्दलीय होकर चुनाव के मैदान में उतर गए। 

यही बागी प्रत्यासी अब भाजपा और कांग्रेस के लिए बाधक बन सकते हैं। जिनमे से वीरेंद्र बेनीवाल जालोर से, सुनील परिहार सीवान से, डॉ. श्रीगोपाल बाहेती पुष्कर से, आलोक बेनीवाल शाहपुरा से, लच्छाराम बडारडा परबतसर से, जौहरी लाल मीणा राजगढ़ लक्ष्मणगढ़ से आदि कई नेता शामिल हैं।

टिकट न मिलने पर बगावत कर बैठे: ये सभी नेता मुख्य तौर से कांग्रेस पार्टी के है। इनकी बगावत करने की वजह पार्टी से टिकट न मिलना। इन सभी का कहना है कि कांग्रेस ने हमारे साथ गद्दारी की, हम कांग्रेस के साथ हमेशा खड़े रहे किन्तु कांग्रेस ने हमे छोड़ दिया। न केवल कांग्रेस के अपितु भाजपा के कुछ नेता भी पार्टी से बगावत कर निर्दलीय होकर चुनाव लडने का फैसला किया है। 

जाहिर है बागी नेता का चुनाव मैदान में निर्दलीय प्रत्याशी बनकर उतरना कांग्रेस और भाजपा के लिए चुनौती शामिल हो सकती है। ये सभी प्रत्यासी कांटे की टक्कर दे रहे है चुनाव प्रचार प्रसार में। राजस्थान विधान सभा चुनाव में कुछ ही दिन शेष है यह देखना बेहद दिलचस्प होगा की कौन बाजी मरेगा। लेकिन फिलहाल चुनाव ने एक सियासी मैदान का रूप लेलिया है हर कोई अपनी अपनी जीत की जिद्द में लगा है।

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