सत्ता की चाहत में कहीं पति पत्नी तो कहीं पिता पुत्री हुए खिलाफ, राजस्थान चुनाव हुआ रिश्तो की राजनीती!

Rajasthan: इस समय राजस्थान का माहौल बहुत ही दिलचस्प है। अभी तक शायद अपने सुना होगा की everything is fair in love and war पर ऐसा सच होता दिखाई दे रहा है राजस्थान विधान सभा चुनाव में। दरअसल चुनाव के मैदान में पार्टी ने अपनी के बीच दीवार खड़ी कर दी है। दोस्त दोस्त के खिलाफ, पिता पुत्री, जीजा साली, पति पत्नी को एक दूसरे खिलाफ खड़ा कर दिया है। 

बस्सी विधानसभा सीट पर दो दोस्त है आमने सामने: बस्सी विधानसभा सीट से कांग्रेस के प्रत्यासी लक्ष्मण मीणा और भाजपा प्रत्यासी चंद्र मोहन मीणा एक दूसरे के खिलाफ लड़ रहे हैं। दोनो बचपन के मित्र है। दोनो ने एक साथ कॉलेज में पढ़ाई भी की है। दोनो ही अधिकारी पद पर थे। फिर उन्होंने स्वेक्षा से इस्तीफा देकर चुनाव में भाग लेना शुरू कर दिया। सेवानिवृत्ति के बाद लक्ष्मण बस्सी से विधायक रहे हैं, जबकि चंद्रमोहन पहली बार चुनाव मैदान में हैं। 

सीकर जिले की दांतारामगढ़ सीट से पति पत्नी है आमने सामने: कांग्रेस के विधायक वीरेंद्र सिंह से मैदान में है तो वही उनकी पत्नी डॉक्टर रीता सिंह भाजपा की तरफ से चुनाव मैदान में उतारी गई है।

अलवर जिले के अलवर ग्रामीण सीट से पिता और पुत्र है आमने सामने: अलवर जिले के सीट से भाजपा ने जयराम जाटव को अपना प्रत्यासी घोषित किया है वही दूसरी तरफ उनकी बेटी मीना कुमारी निर्दलीय रूप से चुनाव लड़ रही है। 

धौलपुर सीट से जीजा और साली है आमने सामने: धौलपुर सीट से कांग्रेस के तरफ से शोभारानी को चुनाव मैदान उतारा है और वही दूसरी तरफ शिवचरण कुशवाह को भाजपा ने मैदान में उतारा है। आपको बता दे की दोनो जीजा और साली है। 

चूरू जिले के भादरा सीट से चाचा और भतीजा है आमने सामने: भादरा  सीट से भाजपा प्रत्यासी संजीव बेनीवाल के खिलाफ उनके भतीजे अजीत बेनीवाल खड़े है। और हम आपको बता दे की अजीत बेनीवाल को कांग्रेस के द्वारा टिकट प्रदान किया गया है। 
मनरेगा कार्यकर्ता भी लड़ रहे है चुनाव: श्रीगंगानगर की करणपुर सीट से मनरेगा में कार्य करने वाले तीतर सिंह भी चुनाव लड़ रहे है। तीतर सिंह एक दलित समाज से आते है। तीतर सिंह इससे पूर्व और कई चुनाव लड़ चुके है जैसे पंचायत और लोकसभा के चुनाव।

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