राजस्थान में विधानसभा चुनावों से पहले राज्य में अवैध नकदी, शराब, ड्रग्स, सोना और अन्य चीजों पर कड़ी कार्रवाई देखी गई है। पिछले 15 दिनों में 244 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की गई है। कानून प्रवर्तन एजेंसियों की इस तेज और कठोर कार्रवाई का उद्देश्य निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव कराना है।
वर्ष 2023 के लिए राजस्थान में कुल जब्ती का आंकड़ा 1,000 करोड़ रुपये को पार कर गया है जो पिछले वर्षों की तुलना में उल्लेखनीय वृद्धि दर्शाता है। 2021 में कुल जब्ती 322 करोड़ रुपये की हुई और इसके बाद 2022 में 347 करोड़ रुपये की हुई। इस साल 1021 करोड़ रुपये की भारी जब्ती पिछले वर्ष की तुलना में तीन गुना वृद्धि का संकेत देती है।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने रेखांकित किया कि चुनाव आयोग जून से विभिन्न प्रवर्तन एजेंसियों के साथ सक्रिय रूप से समन्वय कर रहा है। इस समन्वित प्रयास के परिणामस्वरूप अब तक 648 करोड़ रुपये की नकदी और अन्य सामग्री जब्त की गई है। 9 अक्टूबर के बाद से पिछले 15 दिनों में 244 करोड़ रुपये की नकदी और सामग्री जब्त की गई है।
इस दौरान पुलिस आयकर विभाग और अन्य एजेंसियों ने मिलकर 39.30 करोड़ रुपये नकद जब्त किये। इसके अलावा आबकारी विभाग ने पुलिस और अन्य संस्थाओं के साथ मिलकर 20.12 करोड़ रुपये मूल्य की 10.60 लाख लीटर से अधिक अवैध शराब जब्त की। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने पुलिस और अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर 46.76 करोड़ रुपये की दवाएं और साइकोट्रोपिक पदार्थ जब्त किए।
स्वतंत्र चुनाव कराने के प्रयास में विभिन्न एजेंसियों ने 30.40 करोड़ रुपये मूल्य का सोना, चांदी और अन्य कीमती धातुएँ जब्त कीं। इसके अलावा 84.22 करोड़ रुपये के मुफ्त सामान और अन्य सामान भी जब्त किए गए हैं।
राजस्थान में चुनावी मौसम में सरकार और प्रवर्तन एजेंसियां काले धन, अवैध पदार्थों और अन्य भ्रष्ट प्रथाओं के प्रभाव को रोकने के लिए अथक प्रयास कर रही हैं। इस वर्ष जब्ती के आंकड़ों में उल्लेखनीय वृद्धि चुनावी प्रक्रिया की अखंडता को बनाए रखने के लिए प्रयास को दर्शाती है।
जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, यह स्पष्ट है कि राज्य यह सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया अनुचित प्रभावों से मुक्त हो। अधिकारियों द्वारा की गई कार्रवाइयां एक मजबूत संदेश देती हैं कि राजस्थान में निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव सबसे महत्वपूर्ण हैं।