चुनाव से पहले चित्तौड़गढ़ में राजनीतिक उथल-पुथल, MLA सहित 35 नेताओं ने छोड़ा BJP का साथ

जयपुर – मेवाड़ में बीजेपी को लगा झटका :- राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में 25 नवंबर को होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव से कुछ ही दिन पहले राजनीति में बड़ा बदलाव देखा जा रहा है। आपको बता दें कि भाजपा विधायक चंद्रभान सिंह आक्या सहित 35 पदाधिकारियों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है और हंगामा खड़ा कर दिया है।

टिकट न मिलने पर छिड़ा विवाद

मामले की जड़ चित्तौड़गढ़ विधानसभा सीट से चंद्रभान सिंह आक्या का टिकट काटने का बीजेपी का फैसला है। इसके बजाय नरपत सिंह राजवी को उम्मीदवार के रूप में चुना गया जिससे पार्टी रैंकों के भीतर असंतोष और विद्रोह भड़क गया। इस कदम के कारण पार्टी के सदस्यों के बीच विरोध प्रदर्शनों और चर्चाओं का सिलसिला शुरू हो गया जिसके परिणामस्वरूप आक्या ने एक स्वतंत्र नामांकन दाखिल किया और बाद में पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया।

नेताओं का विरोध और इस्तीफा

मेवाड़ में 35 नेताओं ने छोड़ा बीजेपी का साथ :- पार्टी के फैसले पर असंतोष सिर्फ आक्या तक ही सीमित नहीं था। इसका फैलाव क्षेत्र के प्रमुख नेताओं तक हुआ। मंगलवार शाम को आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में विधायक, पूर्व यूआईटी चेयरमैन, पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष, पूर्व प्रधान, मंडलों के अध्यक्ष, जिला मंत्री, महासचिव, कोषाध्यक्ष और पार्टी के अन्य प्रभावशाली लोगों सहित 35 पदाधिकारियों के इस्तीफे का खुलासा हुआ। इन नेताओं के बीच असंतोष से भाजपा के साथ संबंध तोड़ने का निर्णय लिया गया।

मेवाड़ की राजनीति पर प्रभाव

मेवाड़ की चित्तौड़गढ़ विधानसभा सीट इस सियासी उठापटक की रणभूमि बन गई है। उम्मीदवार चयन पर असंतोष से भड़के विद्रोह ने न केवल भाजपा के भीतर आंतरिक कलह पैदा कर दी है बल्कि स्वतंत्र उम्मीदवारों के नामांकन को भी रूप दिया है।

चुनाव के नतीजे होंगे प्रभावित

जैसे-जैसे राजनीति की धूल सुलझेगी, इन इस्तीफों का भाग्य और चुनावी गतिशीलता पर असर 9 नवंबर के बाद साफ़ हो जाएगा। चंद्रभान सिंह आक्या जो अब एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं, ने जोर देकर कहा कि इस समय किसी नई पार्टी के साथ कोई जुड़ाव नहीं है। इन इस्तीफों के नतीजे और असंतुष्ट नेताओं द्वारा लिए गए फैसले राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 की राजनीतिक कहानी को प्रभावित करेंगे।

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